2023 के बेस्ट प्रॉफिटेबल सेक्टर!!

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साल 2022 बेहद रोमांचकारी वर्ष रहा है! इस में निफ्टी 50 ने सुपर-हाई वोलैटिलिटी के बीच 18,887.60 के सर्वकालिक उच्च स्तर को छुआ। हमने दोनों दिशाओं में कई बार जंगली हलचलें देखी हैं। आने वाली आर्थिक मंदी और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंकाओं ने ज्यादातर निवेशकों को डरा दिया है। लेकिन हमें यकीन है कि, हमारी कम्युनिटी भारत की अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर अत्यधिक उत्साहित है और स्मार्ट निवेश पर कायम है। 🚀

आज के विशेष लेख में, हम भारत के सबसे तेजी से बढ़ते और अच्छे रिटर्न्स देनेवाले सेक्टर पर एक नज़र डालते हैं जो 2023 में फल-फूल सकते हैं। आपको संभावित रूप से निवेश के बेहतर अवसर या आपका अगला मल्टीबैगर भी मिल सकता है!!

ग्रीन एनर्जी

केंद्र सरकार, राज्य सरकार, व्यापारिक समूहों और आम जनता को क्लायमेट चेंज से होने वाली घटनाओं को पहचानने और इस पर इसकी जरुरी कदम उठाने की आवश्यकता है। अब समय आ गया है कि, हम कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए मिलके कार्रवाई करें। बढ़ती ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए हमें रिन्यूएबल एनर्जी में तेजी से बढ़त करने की आवश्यकता है:

  • भारत ने 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का संकल्प लिया है।
  • केंद्र सरकार ने 500 गीगावाट (GW) की एक गैर-जीवाश्म ईंधन (non-fossil fuel) बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित करने और 2030 तक रिन्यूएबल स्रोतों से भारत की ऊर्जा आवश्यकता का 50% सोर्सिंग करने के लिए प्रतिबद्ध किया है।
  • इसका लक्ष्य एक ही समय सीमा के भीतर 1 बिलियन टन अनुमानित उत्सर्जन को कम करना भी है। जैसा कि भारत जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) पर बहुत अधिक निर्भर है, इन ग्रीन टार्गेट्स तक पहुंचना एक बहुत बड़ा काम होगा।

भारत के ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को पिछले सात वर्षों में लगभग ₹5.2 लाख करोड़ का कुल निवेश प्राप्त हुआ है। 2028 तक, यह सेक्टर कथित तौर पर $500 बिलियन (~₹37.25 लाख करोड़) का निवेश देख सकता है। हम सोलर, पवन, ग्रीन हाइड्रोजन और बैटरी सेल निर्माण क्षेत्रों में कुछ अति महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को देख रहे हैं

यहां कुछ कंपनियां हैं, जिन्होंने सरकार के ग्रीन एनर्जी लक्ष्यों के साथ अपनी व्यावसायिक रणनीतियों को जोड़ा है -

  • Reliance Industries
  • Adani Group (Adani Enterprises, Adani Green Energy)
  • Tata Power
  • Borosil Renewables (सोलर ग्लास निर्माता)
  • JSW Energy
  • Sterling & Wilson (सोलर पावर इंफ्रास्टक्टर के कॉन्ट्रैक्ट निर्माता)

स्पेशलिटी केमिकल्स 

सभी प्रकार के केमिकल प्रोडक्ट्स के लिए दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से भारत एक है। हाल के अनुमानों के अनुसार, हमारा देश दुनिया भर में केमिकल बिक्री में छठे स्थान पर है और ग्लोबल केमिकल उद्योग में 4% का योगदान देता है! इस बीच, स्पेशलिटी केमिकल्स तैयार प्रोडक्ट्स सामग्री के रूप में और मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं में सुधार के लिए उपयोग किए जाने वाले केमिकल्स का एक महत्वपूर्ण सेगमेंट है। यह भारत के कुल केमिकल बाजार का 22% हिस्सा है!

भारतीय मध्यम वर्ग भोजन, कपड़े, दवाओं और परिवहन की मांग में महत्वपूर्ण बदलाव दिखा रहा है - ये सभी स्पेशलिटी केमिकल्स की मांग को बढ़ाते हैं! इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (IBEF) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगले चार वर्षों में स्पेशलिटी केमिकल्स सेक्टर के 12.4% CAGR से 64 अरब डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि, इस उद्योग में बड़ी संख्या में खिलाड़ी हैं:

  • Tata Chemicals
  • Laxmi Organic Industries
  • Navin Fluorine International
  • UPL
  • Deepak Nitrate
  • Aarti Industries
  • PI Industries

ऊपर बताई गई कंपनियां नई और बेहतर पेशकशों को लॉन्च करने के लिए उन्नत रिसर्च एंड डेवेलपमेंट क्षमताओं पर बड़े पैमाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। केमिकल सेक्टर का भविष्य वास्तव में उज्ज्वल है। फर्टिलायजर और कृषि केमिकल कंपनियों के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें!

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और इन्क्लुशन 

हमने पिछले कुछ वर्षों में इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (IT ) सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक बढ़ते देखा है, विशेष रूप से आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स (artificial intelligence), डेटा एनालिटिक्स, डेटा साइंस और बिग डेटा में। दुनिया भर में व्यावसायिक संस्थाएं और सरकारी एजेंसियां ​​पारंपरिक/पुरानी सिस्टम्स से अखंडित सिस्टम्स, ग्राहक-संचालित डिजिटल ऑपरेशन्स में स्थानांतरित हो रही हैं। इसके अलावा, डिजिटल इंडिया जैसी सरकार की पहलें पूरे देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार करना चाहती हैं।

5G को आधिकारिक तौर पर भारत में लॉन्च कर दिया गया है, और टेलीकॉम ऑपरेटर और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर अखिल भारतीय रोलआउट के लिए कमर कस रहे हैं। यह भारतीय समाजों के लिए नए आर्थिक अवसरों और लाभों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

हालाँकि, विस्तार के लिए महत्वपूर्ण जगह है क्योंकि विकसित देशों में 90% से अधिक की तुलना में भारत में इंटरनेट की पहुंच केवल 47-48% है। डिजिटल क्रांति का नेतृत्व करने वाली कुछ सूचीबद्ध संस्थाओं पर नजर डालते हैं:

  • IT प्रमुख जैसे Tata Consultancy Services, Infosys, and Wipro
  • दूरसंचार ऑपरेटर जैसे  Jio (Reliance Industries), Bharti Airtel 
  • डिजिटल पेमेंट्स - SBI Cards & Payment Services, HDFC Bank, IndusInd Bank 
  • ऑनलाइन कम्युनिकेशन सेवाएं - Route Mobile

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी

भारत सरकार ने 2020 से हर साल 60-70 लाख हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री हासिल करने का लक्ष्य रखा है। आप इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोडक्शन और बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकार की कई पहलों से भी अवगत हो सकते हैं। ऐसे कार्यक्रमों का प्राथमिक लक्ष्य प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए आंतरिक दहन इंजन वाहनों (internal combustion engine vehicles) से ट्रांसमिशन करना है। यह महंगे ईंधन आयात पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगा

Source: Bloomberg Green

कई भारतीय कंपनियों ने पहले ही तेजी से विकसित हो रहे EV बाजार में पैर जमाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है:

  • Tata Motors
  • Mahindra & Mahindra
  • JBM Auto Ltd (सार्वजनिक ट्रांसपोर्टेशन के लिए इलेक्ट्रिक बसें)
  • Olectra Greentech
  • TVS Motor Company
  • Ashok Leyland (यूके स्थित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी आर्म स्विच मोबिलिटी के माध्यम से)

मेक इन इंडिया! (या चीन-प्लस-वन स्ट्रेटेजी)

दशकों से, चीन को "विश्व की फैक्ट्री" के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग या आपूर्ति श्रृंखलाओं का केंद्र है। इसने सस्ते लेबर और उत्पादन लागत की पेशकश की। दुर्भाग्य से, चीन की ज़ीरो-कोविड पॉलिसी ने लंबे समय तक औद्योगिक तालाबंदी और आपूर्ति श्रृंखला में रूकावट बना है। इसलिए, बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां केवल चीन में निवेश से बचने और अन्य देशों में विविधता लाने के लिए एक नई रणनीति अपना रही हैं। इसे "चीन-प्लस-वन" कहा जाता है।

इस प्रकार, भारतीय कंपनियां ग्लोबल बाजारों में मांग का विश्लेषण करके और उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाकर इस बदलाव से भारतीय फर्मों को लाभ हो सकता है। सरकार ने प्रमुख क्षेत्रों में निर्माताओं के लिए विशेष सब्सिडी की पेशकश करने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (Production Linked Incentive) योजना जैसी कई पहलें शुरू की हैं।

हमारे देश में कई सूचीबद्ध कंपनियों के पास सर्वोत्तम स्पेशलिटी केमिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स (जैसेDixon Tech, Havells India) और टेक्सटाइल (Trident, Welspun India) की पेशकश करने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक लाभ है।


अब, यह आप पर निर्भर है कि आप सही निवेश विकल्पों या थीम का पता लगाएं जो आपकी प्रोफ़ाइल और वित्तीय लक्ष्यों के लिए सही हों। उन निवेशों के साथ जाएं जिन्हें आप अपने खुद के रिसर्च से जानते और समझते हैं। प्रॉफिटेबल 2023 की आशा करते हैं!  HAPPY INVESTING!!!

Disclaimer: इस लेख में दिए स्टॉक केवल एजुकेशनल उद्देश्यों के लिए हैं। अपना निवेश अपने अच्छे रिसर्च के बाद ही करें।

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